रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले दिन से अधिक लोगों की अटकलें, प्रशासन के फूले

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*अमेठी से लंभुआ एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए ब्यूरो चीफ खुर्शीद अहमद की रिपोर्ट*

*रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले दिन से अधिक लोगों की अटकलें, प्रशासन के फूले हाथ-पैर*

*अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले दिन मंगलवार को रामलला के दर्शन के लिए अधिक से अधिक भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। दर्शन करने के लिए लाइन में लगे भव्य भीड़ में दबने से गश खा गिर पड़े। धक्का मुक्की हुई तो बड़ी संख्या में हाथ-पैर टूट गए, कुछ को चोट लग गई, उनके मोटे जूते छूट गए। कम होने के बजाय राममंदिर के सामने ईसाइयों की संख्या के आधार पर भारी संख्या में पुलिस और प्रशासन के हाथ में नमूने वाले बड़े पैमाने पर फूल दिए गए। प्रशासन को यह तनिक भी मात्रा नहीं थी कि इतनी भीड़ होगी। शुरुआती दौर में आस्था के सामान की जांच की जा रही थी, लेकिन जब भीड़ बढ़ गई तो सामानों की व्यवस्थाएं कम पड़ गईं। अंतिम इंतज़ार नहीं कर पा रहे थे। बैरिकेडिंग फैंडकर दर्शन के लिए जाने लगें। स्थिति की जांच आरएएफ और एटीएस के भी विस्फोटक लगाए गए। सुबह सात बजे जब राम मंदिर खुला तो 11 बजे बंद हुआ तो करीब 50 हजार दर्शन मार्ग पर मौजूद थे। दो बजे खुला है मंदिर, लेकिन भीड़ देखने को मिली एक घंटे पहले दो पर ही खोल दिया गया। देखते-देखते सुबह जैसी ही स्थिति हो गई। सुरक्षा कर्मियों के जत्थे में दर्शन पूजन किये जा रहे हैं। जैसे ही एक जत्था रिटायर हो गया, बेसब्र एस्टेंट फिल्में थीं। एक बारगी तो भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मध्य प्रदेश के राक्षस गोपीनाथ नायक भीड़ में फंस गए। किसी तरह के सिपाहियों ने उन्हें बाहर ले जाया। उनके हाथ में चोट लग गयी। कई और शिष्या भी हुए। उन्हें श्रीराम अस्पताल देखभाल। मासूम श्यामा देवी भी गश खा गिर गईं। इवोल्यूशन ने उन्हें भीड़ से बाहर निकाला। इसी तरह का माउंटेन मंदिर से लेकर मंदिर बंद होने तक रहा है। हैवी भीड़ की सूचना प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, स्पेशल डीजे प्रशांत कुमार, मंडलायुक्त गौरव मंडल, आईजी स्नातक कुमार, शिक्षक नीतीश कुमार, सर्जन राजकरण नायर क्षेत्र। ।। इसलिए छोटे-छोटे स्पाॅट सेव पुलिस लोगों का सामान चेक कर रही थी। ज्यादातर लोगों के बैग चेक किये जा रहे हैं। कपडेर के अंदर क्या रखा गया है, उसकी आतंकियों से निगरानी नहीं हो पा रही थी। यही कारण है कि फोन लेकर भी नाबालिग पहुंच गया। पहले ही दिन ट्रस्ट की लैकर सुविधा फेल हो गई। रामलला के दर्शन के भक्तों में इस बात का जिक्र था कि किसी को अपने सामान की चिंता नहीं रही। रामजन्मभूमि पथ पर जहां भी जगह मिली, भक्त अपना बैग और जूते-चप्पल छोड़ दे रहे थे। भारी भीड़ से कुछ आरामदायक रामलला के दर्शन किए बिना ही लौट आए। बिहार की राजधानी पटना से आये अमन कुमार, सत्यम और शिवम वापस जा रहे थे कि दर्शन के लिए भीड़ नहीं मिली, सामान रखने की व्यवस्था नहीं है। हमारे पास बैग आदि हैं जहां रखें, इसलिए जा रहे हैं फिर से ज्ञान दर्शन करेंगे*

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