झांसी में 10 बच्चों की मौत के बाद शासन व प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद खुल गई है। चूँकि शासन व प्रशासन के लोग तो 24×7 नोट छापने में मस्त रहते हैं। कहाँ से कितना मिल जाये और 7 पीढ़ी के लिए दबाकर डंप कर लिया जाए। ऐसे में जब अग्नि कांड से 10 बच्चों की मौत हो जाती है तो उनकी नींद खुली और घड़ियालू आँसू बहाने पहुँच गए। मीडिया के लोग भी अपने-अपने चोंगे लेकर उनके मुँह के सामने लगा दिए।
आईये आप भी सुने झांसी डीएम साहेब के वक्तव्य को। थाना नवाबाद क्षेत्रान्तर्गत मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में आग लगने की सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहुँचकर फायर ब्रिगेड की मदद से आग को बुझा दिया गया है। प्रथम दृष्टया आग में 10 बच्चों की मृत्यु होने की सूचना है। अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में डीएम झाँसी की बाइट।
अभी यही घटना किसी निजी अस्तपाल में हुई होती तो उस निजी अस्पताल के संचालक को पकड़ लिया जाता। मुकदमा भी बाद में लिखा जाता। जेल भेज दिया जाता। अपनी पीढ़ अपने हाथ से थपथपा ली जाती। निर्माण से लेकर संचालन पर तमाम सवाल उठाए जाते, परन्तु अब मेडिकल कॉलेज झांसी की घटना पर सिर्फ दो लाइन बयान देकर अपने दायित्वों की डीएम साहेब द्वारा इतिश्री कर ली गई।
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