कोटेदार ने ठेकेदार बन काट रहा आम का पेड़
भदैया/कोतवाली देहात क्षेत्र के अंतर्गत मलिकपुर डढ़वा जंगल में कांटे जा रहे फलदार आम के पांच वृक्ष इन दिनों खेतों का खाली होना पेड़ों पर भारी पड़ रहा है।हरे पेड़ों की लकड़ी के खरीदार सरेआम ट्रैक्टर ट्रालियों वा पिक-अप में भरकर इन पेड़ों की लकडिय़ों को ठिकाने पर ले जा रहे हैं।हरे पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए जिम्मेदार वन विभाग के अधिकारी मौन धारण किए हैं।बताया जा रहा है। भदैया क्षेत्र के कुछमुछ कोटेदार अब खुद हरे फलदार वृक्ष के दुश्मन बन आम वा महुआ के फलदार वृक्ष को ही नुक्सान पहुंचा रहे हैं।जहां कोटेदार अब ठेकेदार बन हरे भरे पेड़ कटवा रहे हैं।जबकि हरे पेड़ों की कटाई पर वन विभाग की ओर से प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद खेत खलिहानों के खालीपन का लाभ उठाते हुए हरे-भरे वृक्ष को नुक्सान पहुंचा रहे हैं।एक ओर जहां जरूरतमंद किसान इन पेड़ों को बेचकर अपने अटके हुए काम निकाल रहे है।तो वहीं वन माफिया भी इस समय सक्रिय होकर इन पेड़ों की खरीद फरोख्त में जुटे है।
*रिटायर्ड वन माली को काटे गए हर पेड़ की रहती है सुचना*
सुत्रो के मुताबिक क्षेत्र में हो रहे अवैध कटान वन विभाग के रिटायर्ड वन माली को बताकर वन माफिया करते हैं।अबैध कटान जब अबैध कटान की सुचना वन अधिकारी से की जाती है।तो अधिकारियों ने वन माली के हाथों में पुरी कमान सौंप देते हैं।जहां क्षेत्र में हो रहे अबैध कटान की जांच पड़ताल करने पर वन माली ने पास पेड़ की जगह एक पेड़ का जुर्माना वसूल करवाने के लिए ठेकेदारों को खुली छूट देकर देते हैं।